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Saturday, 26 August 2017

राज्य वन एवं वनस्पति

राजस्थान में वन ओर वन्य जीवों की स्थिति -

कुल वन क्षेत्र - 32828.35 वर्ग किमी

कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत - 9.59%

भारत के वन क्षेत्र में राज्य का अंश - 7.14%

भारत के भौगोलिक क्षेत्र के सापेक्ष वन राजस्थान में - 0.99%

राज्य में प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र - 0.036 हेक्टेयर
भारत मे प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र - 0.06 हेक्टेयर

सर्वाधिक वन संपदा वाला जिला - प्रतापगढ़ (46.76%)

न्यनतम वन संपदा वाला जिला - चूरू (0.44%)

महत्वपूर्ण पक्षी स्थल - 24

संरक्षित क्षेत्र - 10

कुल प्रादेशिक मंडल - 38

वन्य जीव मण्डल - 16

राजस्थान में वन मंडल - 12

प्रदेश का वनावरण - 4.70%
वृक्षावरण - 2.42%

वन एवं वृक्षावरण - 7.12%(24440 वर्ग किमी.)

वनों का प्रशासनिक विवरण

आरक्षित वन - 37.63%
सुरक्षित वन  - 56.08%
अवर्गीकृत वन - 6.29%

राज्य में वनों के प्रमुख प्रकार -

1. शुष्क सागवान वन - 6.86% 

2. शुष्क उष्ण कटिबंधीय धोक वन -58.11%

3. उतरी उष्ण कटिबंधीय शुष्क मिश्रित पतझड़ी वन - 28.38%

4. उष्ण कटिबंधीय कांटेदार वन -6.26%

5. अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन - 0.39%

अर्ध उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन वानस्पतिक विविधता की दृष्टि से राज्य का सर्वाधिक संपन्न क्षेत्र हैं।

प्रमुख वानस्पतिक नाम

1. खैर - एनेसिया केपू

2. कत्था - अकेशिया कैटेचु

3.  जंगल की आग (पलास)- ब्यूटिया मोनोसपेमा

4.  महुआ - मधुका लोंगोफोलिया

5.   तेंदू - डीसोपायर्स मेलनोजीलन

6. खेजड़ी - प्रोसोपिस सेनेरिया

7. रोहिडा - टेकुमेला अंडुलेटा

जंगल की सुंदरता - आर्किड

बजट घोषणा

नगर वन उद्यान योजना -
प्रथम चरण में जयपुर और अजमेर में कम से कम 20 हेक्टेयर भूमि पर नगर वन उद्यान विकसित किए जायेंगे।

बायोलॉजिकल पार्क सज्जनगढ उदयपुर , माचिया जोधपुर, नाहरगढ़ जयपुर में से दो पार्क सज्जनगढ़ उदयपुर एवं माचिया पार्क जोधपुर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

जिला मुख्यालय चूरू पर नेचर पार्क  विकसित किया जाना प्रस्तावित है।

वन धन योजना - रणथंबोर टाइगर रिजर्वें, राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर, माउंट आबू, कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण, एवं जवाई कंजर्वेशन रिजर्व में pilot Basis पर लागू की जायेगी।

वानिकी विकास के प्रमुख कार्यक्रम -

1. अरावली वृक्षारोपण परियोजना -

प्रारंभ -  1 अप्रैल 1992

समापन -  31 मार्च 2010

जिले - 10

सहयोगी संस्थान - OECF जापान (वर्तमान नाम -JBIC)

उद्देश्य - अरवली पर्वतमाला को पुनः हरा भरा करना व मरुस्थल प्रसार रोकना

2. वानिकी विकास परियोजना -

प्रारम्भ - 1995-1996

समापन - 2002

जिले - 15 मरूस्थलीय जिले

सहयोगी संस्थान - OECF जापान (वर्तमान नाम -JBIC)

उद्देश्य- वृक्षारोपण व चारागाह का विकास कर मरू प्रसार रोकना , जैव विविधता का विकास करना , ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना ।

3. मरू वृक्षारोपण - 10 जिलों में केंद्र राज्य 75:25 की भागीदारी ।

4. मारू प्रसार रोकथाम कार्यक्रम -

प्रारम्भ - 1999-2000

जिले - 10 मरूस्थलीय जिले
केंद्र-राज्य - 75:25

उद्देश्य - वनीकरण के माध्यम से टीबा स्थिरीकरण करना ।

5. हरित राजस्थान

प्रारम्भ - 18 जून 2009

6. राजस्थान वानिकी एवं जैवविविधता परियोजना-

प्रथम चरण

प्रारंभ-  2003 -04
समापन -30 जून 2010

जिले -  18

सहयोगी संस्थान - JBIC जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन

उद्देश्य - अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में पारिस्थितिकी संतुलन की पुनर्स्थापना जैव विविधता संरक्षण

7. राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना चरण 2nd

अवधि -  परियोजना की अवधि 8 वर्ष (2010 -18 )

प्रभावी - योजना माह अक्टूबर 2011 से प्रभावी होगी जो अक्टूबर 2018 -19 तक रहेगी

क्षेत्र  - 10 मरुस्थलीय जिले 7 वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र

Best of luck 👍💐

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