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Wednesday, 27 March 2019

वित्तिय समावेशन

*Q.वित्तीय समावेशन क्या है -*

उत्तर:-  समाज के सभी लोगों को वित्तीय सेवाएं सस्ती दर पर उपलब्ध करवाना विशेष तौर पर गरीब व समाज के निम्न वर्गीय लोगों पिछड़े तबके के  लोगों को इन सेवाओं से जोड़ना  तथा उन्हें बैंकिंग क्षेत्र की मुख्य धारा में जोड़ना ।

*इसकी निम्नलिखित शर्तें हैं*

1. बैंक की शाखा ग्रामीण क्षेत्रों तक उपलब्ध करवाना
2. लोगों मे  बैंकिंग के प्रति जागृति लाना
3. लोगों को उचित दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाना

*वित्तीय समावेशन के लिए उठाए गए कदम :-*

1.1982 को नाबार्ड की स्थापना
2. डाकघरों की स्थापना
3.बैंकों के लिए 25 परसेंट शाखाएं ग्रामीण क्षेत्र में खोलने की अनिवार्यता
4. माइक्रो एटीएम स्थापित करना माइक्रोफाइनेंस को बढ़ाना
5.बैंकों का राष्ट्रीयकरण बैंकों के अधिक शाखाएं खोलना
6. मुद्रा बैंक की स्थापना करना मुद्रा फसल बीमा योजना की शुरुआत

*आवश्यकता क्यों ..?*

1. 2013 14 में भारत के लगभग 65 परसेंट लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं थे ।
2. मनी मार्केट में घूमता रहता था बैंकों  में नहीं आता था और इस मनी का कोई कागजी काम भी नहीं था।
3.  सभी वित्तीय लेनदेन नगदी  होते थे या चेक द्वारा नहीं या बहुत ही  बहुत ही कम होते थे

अतः इन समस्याओं के निपटारे के लिए वितीय समावेशन की आवश्यकता महसूस हुई ।

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